पापा कहते हैं, बात इतनी सी
पूरे करने हैं, ख्वाब मेरे भी...
मम्मी कहती हैं, बात इतनी सी
यश बढानी है, खानदान की...
दीदी कहती हैं, बात इतनी सी
पोल खोलनी है, भ्रष्ट लोगों कि...
भैया कहते हैं, बात इतनी सी
सेवा करना सदा, आपने देश की...
छोटे चाहते हैं, बात इतनी सी
बौछार हो उनपर, सदा मेरे स्नेह की...
चाचा कहते हैं, बात इतनी सी
भूल ना जाना, कभी तुम मुझको ही...
बुआ कहती हैं, बात इतनी सी
सेवा करना सदा, दीन दुखियों की...
दादी कहती थीं, बात इतनी सी
रोटी खाना सदा, ईमानदारी की...
दादा जी कहते थे, बात इतनी सी
प्रेरणा लेना सदा, अपने माँ बाप सी...
सोचता हूँ मैं भी, बात इतनी सी
अक्स बनूँगा मैं, अपने दादाजी सी...
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