बहुत दिनों से मैं ये सोच रहा था..
कल तक मेरे पैरों में मोच रहा था
परेशानी में सर के बाल नोच रहा था,
यारों तसल्ली से ये सोच रहा था.
कल जो होना है वो होगा ही होगा,
आज दुनिया है तो जीना ही होगा.
एक ग़म से दुनिया नहीं मिटती,
चाहने से भी खुशियाँ नहीं सिमटती.
गीता ने कहा है कर्म करता चला जा,
जिंदगी का मर्म समझता चला जा.
अब तो नयी एक कहानी हो गयी,
मैं उसका, जिंदगी मेरी दीवानी हो गयी.
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